मैंने उसको गोली जैसा चलते देखा। मैंने उसको गोली जैसा चलते देखा।
फटी जेब का भेद है मिटाना, हीरे सा मुझको है चमकना। फटी जेब का भेद है मिटाना, हीरे सा मुझको है चमकना।
क्यों नासमझों ने अपनी ही जड़ों को कटवाया। क्यों नासमझों ने अपनी ही जड़ों को कटवाया।
जंग खाये लोहे की इमारतों को बुलंदी का कैसा गरूर। जंग खाये लोहे की इमारतों को बुलंदी का कैसा गरूर।
कहीं मिल जाते हैं गढ्ढ़े कहीं मिल जाते हैं गढ्ढ़े
तब प्रिय मित्र की मित्रता का लोहा मानोगे, जब तुम्हारे दुश्मनों को लोहे के चने चबवा दें तब प्रिय मित्र की मित्रता का लोहा मानोगे, जब तुम्हारे दुश्मनों को लोहे के चने...